व्यावसायिक नियमों का आवंटन
भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम, 1961 के अनुसार*
विषय | |
---|---|
1. | एक उपयुक्त कौशल विकास ढाँचा विकसित करने के लिए सभी संबंधितों के साथ समन्वय, व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से कुशल जनशक्ति की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को दूर करना, कौशल उन्नयन, नए कौशल का निर्माण, नवीन सोच और न केवल प्रतिभाओं के लिए। मौजूदा नौकरियाँ बल्कि वे नौकरियाँ भी जो सृजित की जानी हैं। |
2. | मौजूदा कौशलों का मानचित्रण और उनका प्रमाणीकरण। |
3. | शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसाय और अन्य सामुदायिक संगठनों के बीच मजबूत साझेदारी बनाकर युवा उद्यमिता शिक्षा और क्षमता का विस्तार करना और इसके लिए राष्ट्रीय मानक निर्धारित करना |
4. | कौशल विकास से संबंधित समन्वय की भूमिका। |
5. | महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाजार अनुसंधान करना और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करना। |
6. | उद्योग-संस्थान संबंध. |
7. | इस गतिविधि में सार्वजनिक निजी भागीदारी तत्व लाना- उस उद्योग के साथ साझेदारी करना जिसे कुशल जनशक्ति की आवश्यकता है। |
8. | बाजार की आवश्यकताओं और कौशल विकास के संबंध में अन्य सभी मंत्रालयों/विभागों के लिए व्यापक नीतियां बनाना। |
9. | सॉफ्ट स्किल के लिए नीतियां बनाना। |
10. | सूचना प्रौद्योगिकी एवं कम्प्यूटर शिक्षा से संबंधित बड़े कौशल कौशल विकास। |
11. | कौशल सेटों की शैक्षणिक तुल्यता. |
12. | औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित कार्य। |
13. |
|
14. | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हेतु उद्यमिता विकास हेतु कौशल प्रशिक्षण। |
15. |
|